सन्तान प्राप्ति में बाधक ग्रहों के निश्चित " वैदिक -उपाय "
यदि जन्मपत्रिका के अनुसार सन्तान होने में सूर्य बाधा डाल रहा हो तो " हरिवंश पुराण " सुनना चाहिए । जिससे सन्तान प्राप्ति होती है। सूर्य को जल अर्पित करना
चाहिये।
यदि चन्द्र बाधक हो तो भगवान शिव का पूजन तांत्रोक्त विधान से करना चाहिये।
यदि मंगल बाधक हो तो रुद्राभिषेक करें।
बुध बाधक हो तो काँसे के पात्र का दान, बुध के मन्त्र का पूर्ण जाप और सन्तान गोपाल स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। और साथ ही श्री गणेश रुद्राक्ष धारण करे और श्री गणेश चालीसा का ऊँचे स्वर में जाप करना चाहिये।
गुरु बाधक हो तो पित्तरों का श्राद्ध तर्पण पिंड इत्यादि तथा अमावस्या को वस्त्र भोजन दान करना चाहिए।
शुक्र बाधक हो तो गौ की सेवा , पीले रंग की गौ पालनी चाहिए तथा नित्यप्रति उसके दर्शन स्पर्श तथा ग्रास भोजन देना चाहिए।
शनि बाधक हो तो महामृत्युंजय का जाप करे।
राहु बाधक हो तो ब्राह्मिन की कन्या का कन्यादान और १०
ग्राम का चांदी का चौरस टुकड़ा अपने पास रखे।
केतु बाधक हो तो कपिला गौ का दान करने से , सन्तान गोपाल का जाप , दधि त्याग प्रदोष ( कामदेव )का व्रत पूजन करने से तथा सबसे उत्तम इस मन्त्र का जप करना चाहिए।
मंत्र :-- देवकी सुत गोविन्द , वासुदेव जगतपते ।
देहि में तनयं कृष्ण , त्वामहम शरण गत : ।।
देहि में तनयं कृष्ण , त्वामहम शरण गत : ।।
उपरोक्त उपायों के साथ साथ पति-पत्नी दोनों को ही
उत्तम क्वालिटी का गौरीशंकर रुद्राक्ष या गर्भ गौरी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना
चाहिये। अस्तु
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