विभिन्न प्रकार की मालाएं तथा उनके उपयोग से लाभ
रुद्राक्षमाला: यह स्पेशल रुद्राक्ष माला विशेष उच्च क्वालिटी के छोटे दानों के रुद्राक्ष से निर्मित की जाती है। शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष के छोटे दाने अधिक शुभकारक तथा प्रभावशाली होते हैं। इसी कारण रुद्राक्ष के बड़े दानों की अपेक्षा इनका अधिक महत्व है। इस माला को धारण करने से मानसिक रोग, हृदय संबंधी रोगों से रक्षा होती है। इस माला को सोमवार के दिन गंगा जल या कच्चे दूध से शुद्ध करके 11 बार ऊँ नमः शिवाय मंत्र बोलकर धारण करें।
तुलसी माला : यह माला तुलसी के पौधे से निर्मित की जाती है। तुलसी परम पवित्र एवं आध्यात्मिक तथा औषधीय गुणों से अपने आप में परिपूर्ण है। इस माला से भगवान विष्णु, राम, कृष्ण एवं गायत्री मंत्र का जप, अत्यंत शुभदायी होता है। वैष्णव दीक्षा से दीक्षित साधु संत, तथा गृहस्थी भक्तजन इसे कण्ठी के रूप में भी धारण करते हैं। मांसाहार, आदि तामसिक वस्तुओं का सेवन करन वाले लोगों को तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए।
हल्दी की
माला : इस माला को हरिद्रा की गांठ से निर्मित किया जाता है। इस माला का विशेष उपयोग पीताम्बरा देवी, बगलामुखी मंत्र के जप अनुष्ठान में किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस माला पर बृहस्पति ग्रह का मंत्र जप भी करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। माला का शुद्धीकरण करने के बाद उपयोग करें।
सफेद चंदन
की माला : चंदन दो प्रकार का होता है। लाल चंदन एवं सफेद चंदन। अधिकांशतः सफेद चंदन का ही अधिक उपयोग होता है। सफेद चंदन की माला पर महासरस्वती, महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप करना विशेष शुभफलप्रद होता है। इसके अतिरिक्त इस माला को मानसिक शांति, विद्या तथा एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए भी गले में धारण करने से लाभ होता है।किसी भी बृहस्पतिवार को इस माला को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।
फिरोजा माला : फिरोजा एक ऐसा रत्न है जिसका उपयोग अधिकांशतः सभी धर्म के लोग करते हैं। बौद्ध धर्मावलंबी इसे बहुत पवित्र रत्न मानते हैं। विशेष रूप से इस रत्न माला को धारण करने से समाज, घर, परिवार में सभी के साथ प्रेम बना रहता है। इसे धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा परिवर्तित होती है जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-सौहार्द बढ़ता है। इस माला को शुक्रवार, या बुधवार को धारण कर सकते हैं।
वैजयंती माला: यह माला वैजयंती के बीजों से निर्मित की जाती है। इस माला का प्राचीनकाल से विशेष महत्व रहा है, स्वयं भगवान विष्णु भी इस माला को धारण करते हैं। इसको धारण करने से नई शक्ति तथा आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति अपने कार्य क्षेत्र में मन लगाकर कार्य करता है। इस माला को किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को गंगाजल से या शुद्ध ताजे जल से धोकर धारण करना चाहिए।
लाल चंदन
माला: इसे रक्त चन्दन के नाम से भी जानते है। लाल
चंदन की माला से मंगल ग्रह जनित दोषों को दूर करने के
लिए अधिक शुभ माना जाता है। इस माला पर मंगल गायत्री मंत्र को जप करने से शीघ्र फल
प्राप्त होता हैं।
हकीक
माला: हकीक की माला को धारण करने से मान-सम्मान में वृद्धि होती है, आकर्षण में वृद्धि होती है। हकीक अलग-अलग रंगों में पाया जाता है। इसकी माला को रंगों के आधार पर ग्रहों की शांति के लिए भी धारण किया जाता है। इस माला को सोमवार या शुक्रवार के दिन धारण करना चाहिए।
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