माता-पिता और बच्चो के बीच
परस्पर सम्बन्ध खराब होना......
मित्रो आज में ज्योतिष
की नजर से आपको हमारे पारिवारिक रिश्तों के विषय में कुछ जानकारी देना चाहता हूँ। जो
की आज के समय में काफी आवश्यक है। जैसे की......
माँ-बाप का सम्बन्ध बच्चों के साथ खराब होना, माँ-बाप का बच्चों के विचारों से मेल ना खाना या बच्चों का किसी भी कारण से माँ-बाप से सम्बन्ध खराब होना, साथ ही बच्चों की जिंदगी में सुख ना होना, माँ बाप को तंग करना, माँ-बाप से मारपीट करना और बच्चों का काम-काज या नौकरी आदि में कामयाब ना हो पाना आदि।
उपरोक्त कारणों को दूर करने के लिए नीचे कुछ उपाय भी दिए हैं। उम्मीद करता हूँ कि आप सभी जो अपने बच्चों के कारण परेशान और टेंसन में हैं। इन उपायों से फायदा उठा सकेंगे और अपने माँ बाप और अपने बच्चों के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित कर सकेंगे।
1) अगर बहन, बेटी या भुआ के कारण माँ-बाप दुखी हों, परेशान हों या टेंसन में हों तो उनकी जन्मपत्रिका में बुध अच्छी स्थिति में नहीं होगा। कारण - सांसारिक और ज्योतिषीय तौर पर बुध देव ही बहन, बेटी व भुआ के कारक होते हैं। जिन माता पिता को अपनी बहन, बेटी व भुआ से दुख मिलते हों, बहन, बेटी व भुआ से किसी भी प्रकार से सम्बन्ध ख़राब हों, बहन, बेटी व भुआ बात ना मानती हो, अपनी मन मर्जी पर चलती हो या बहन, बेटी व भुआ की खुद अपनी ही जिंदगी बुरे हाल में हो, उसको ससुराल में दुःख तकलीफ रहती हो, उसके अपने पति से सम्बन्ध ठीक ना हों, उसको रूपये पैसे की कमी हमेशा बनी रहती हो तो पक्के तौर पर आपकी कुंडली देखे बिना ही ये पता चल जाता है की आपकी कुडली में बुध देव नीच के, शत्रु या अतिशत्रु, मन्दे बुरे हाल या दुश्मन ग्रहों से पीड़ित होंगे।
इसलिए जिन माता पिता को अपनी बहन, बेटी व भुआ की और से या खुद बहन, बेटी व भुआ की जिंदगी ही परेशनी में चल रही हो तो निम्न लिखित उपाय करके फायदा उठायें।
1- दुर्गा पूजन करें, नवरात्री के व्रत करे और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा स्तुति का पाठ करें।
2- साल में 3, 4 बार कन्या पूजन करें और उनके पैरों में हाथ लगा कर आशीर्वाद लें। (कन्या 3 वर्ष से 9 वर्ष तक की ही जिमाये)।
3- श्री गणेश चालीसा का नियमित ऊँचे स्वर में जाप करे और श्री गणेश रुद्राक्ष अवश्य धारण करे।
4- बुध देव से सम्बंधित सामान जैसे मूंग साबुत, हरे फूल, हरे फल, हरी सब्जियां, हरे तेल, आवला आदि किसी से भी फ्री में ना ले बल्कि इन वस्तुओ का दान करे। घर में कोई भी पक्षी ना पालें। अंडा और बकरी के मांस से दूर रहें।
5- घर में गाने बजाने के सामान जैसे ढोलक, सितार, गिटार आदि ना रखें।
6- कम से कम 96 घंटे और अधिक से अधिक 96 दिन के लिए अपनी नाक छेदन करवाये, नाक में सोना, चांदी या सफेद धागा आदि डाला जा सकता है शंख सीप कौड़ी घर पर ना रखें।
7- तुलसी, मनीप्लांट, चोड़े पत्ते के पेड़-पौधे घर पर ना लगाएं और ना ही सींचे।
8- अपने घर के बड़े-बड़े बर्तनों को संदूक में न रखे बल्कि उन्हें खुले में रखे।
माँ-बाप का सम्बन्ध बच्चों के साथ खराब होना, माँ-बाप का बच्चों के विचारों से मेल ना खाना या बच्चों का किसी भी कारण से माँ-बाप से सम्बन्ध खराब होना, साथ ही बच्चों की जिंदगी में सुख ना होना, माँ बाप को तंग करना, माँ-बाप से मारपीट करना और बच्चों का काम-काज या नौकरी आदि में कामयाब ना हो पाना आदि।
उपरोक्त कारणों को दूर करने के लिए नीचे कुछ उपाय भी दिए हैं। उम्मीद करता हूँ कि आप सभी जो अपने बच्चों के कारण परेशान और टेंसन में हैं। इन उपायों से फायदा उठा सकेंगे और अपने माँ बाप और अपने बच्चों के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित कर सकेंगे।
1) अगर बहन, बेटी या भुआ के कारण माँ-बाप दुखी हों, परेशान हों या टेंसन में हों तो उनकी जन्मपत्रिका में बुध अच्छी स्थिति में नहीं होगा। कारण - सांसारिक और ज्योतिषीय तौर पर बुध देव ही बहन, बेटी व भुआ के कारक होते हैं। जिन माता पिता को अपनी बहन, बेटी व भुआ से दुख मिलते हों, बहन, बेटी व भुआ से किसी भी प्रकार से सम्बन्ध ख़राब हों, बहन, बेटी व भुआ बात ना मानती हो, अपनी मन मर्जी पर चलती हो या बहन, बेटी व भुआ की खुद अपनी ही जिंदगी बुरे हाल में हो, उसको ससुराल में दुःख तकलीफ रहती हो, उसके अपने पति से सम्बन्ध ठीक ना हों, उसको रूपये पैसे की कमी हमेशा बनी रहती हो तो पक्के तौर पर आपकी कुंडली देखे बिना ही ये पता चल जाता है की आपकी कुडली में बुध देव नीच के, शत्रु या अतिशत्रु, मन्दे बुरे हाल या दुश्मन ग्रहों से पीड़ित होंगे।
इसलिए जिन माता पिता को अपनी बहन, बेटी व भुआ की और से या खुद बहन, बेटी व भुआ की जिंदगी ही परेशनी में चल रही हो तो निम्न लिखित उपाय करके फायदा उठायें।
1- दुर्गा पूजन करें, नवरात्री के व्रत करे और दुर्गा सप्तशती या दुर्गा स्तुति का पाठ करें।
2- साल में 3, 4 बार कन्या पूजन करें और उनके पैरों में हाथ लगा कर आशीर्वाद लें। (कन्या 3 वर्ष से 9 वर्ष तक की ही जिमाये)।
3- श्री गणेश चालीसा का नियमित ऊँचे स्वर में जाप करे और श्री गणेश रुद्राक्ष अवश्य धारण करे।
4- बुध देव से सम्बंधित सामान जैसे मूंग साबुत, हरे फूल, हरे फल, हरी सब्जियां, हरे तेल, आवला आदि किसी से भी फ्री में ना ले बल्कि इन वस्तुओ का दान करे। घर में कोई भी पक्षी ना पालें। अंडा और बकरी के मांस से दूर रहें।
5- घर में गाने बजाने के सामान जैसे ढोलक, सितार, गिटार आदि ना रखें।
6- कम से कम 96 घंटे और अधिक से अधिक 96 दिन के लिए अपनी नाक छेदन करवाये, नाक में सोना, चांदी या सफेद धागा आदि डाला जा सकता है शंख सीप कौड़ी घर पर ना रखें।
7- तुलसी, मनीप्लांट, चोड़े पत्ते के पेड़-पौधे घर पर ना लगाएं और ना ही सींचे।
8- अपने घर के बड़े-बड़े बर्तनों को संदूक में न रखे बल्कि उन्हें खुले में रखे।
9- घर में बंद घड़ियाँ, शंख, सीप, कौड़ी, किसी भी प्रकार का वाद्य यंत्र आदि ना रखें।
2) इसी प्रकार से यदि आप अपने बेटे से दुखी हो, परेशान हो या बेटे की जिंदगी में कोई सुख चैन न हो, काम-काज या नौकरी के हालात अच्छे न हो, तरक्की न मिल रही हो आदि इन सभी वजहों से वो परेशान रहता हो या डिप्रेशन में हो निश्चित ही आपकी या आपके पुत्र की जन्मपत्रिका में केतु देव नीच, शत्रु या अतिशत्रु या दुश्मन ग्रहों के साथ बैठ कर पीड़ित होंगे। जिस कारण से आपको अपने बेटे से परेशानी या बेटा खुद ही अपनी जिंदगी से परेसान मायूस होगा। इन हालात में आप केतु देव के आसान से उपाय करके अपनी और अपने बेटे की जिंदगी सुधार सकते हैं। जोकि बहुत ही आसान हैं, कम खर्चीले हैं। साथ ही इन उपायों को करने के लिए आपको किसी की सहायता की भी जरूरत नहीं होगी।
1- कुत्ता पालें और उसकी सेवा करें।
2- दोनों कानों में सोना डालें या कानो के मुलायम हिस्से पर नियमित पीले चन्दन का तिलक लगायें।
3- साल में एक-दो बार काला-सफेद कम्बल मन्दिर में बुजुर्ग पंडित को दान दें।
4- 3 केले नियमित तौर पर 43 दिन तक गणेश मन्दिर में रखें।
5- केसर, हल्दी या पीले चन्दन का तिलक प्रतिदिन स्नान के उपरांत इन पांच स्थानों पर अवश्य लगाए, जैसे कि : 1 नाभि 2 जीभा के अग्र भाग पर, फिर हाथ धोने के बाद 3 मस्तक पर , दोनों भौहों के बीच 4 ठुड्डी पर , व् अंत में 5 शिखा पर।
1- कुत्ता पालें और उसकी सेवा करें।
2- दोनों कानों में सोना डालें या कानो के मुलायम हिस्से पर नियमित पीले चन्दन का तिलक लगायें।
3- साल में एक-दो बार काला-सफेद कम्बल मन्दिर में बुजुर्ग पंडित को दान दें।
4- 3 केले नियमित तौर पर 43 दिन तक गणेश मन्दिर में रखें।
5- केसर, हल्दी या पीले चन्दन का तिलक प्रतिदिन स्नान के उपरांत इन पांच स्थानों पर अवश्य लगाए, जैसे कि : 1 नाभि 2 जीभा के अग्र भाग पर, फिर हाथ धोने के बाद 3 मस्तक पर , दोनों भौहों के बीच 4 ठुड्डी पर , व् अंत में 5 शिखा पर।
6- धर्मस्थान में प्रतिदिन जाये।
उपरोक्त उपाय करके आप अपनी और अपने बच्चों की जिंदगी में होने बाली बुराइयों को दूर कर सकते हैं। अस्तु
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