Sunday, 31 January 2016

धन योग

धन योग  

मित्रो लाल किताब में ग्रहों की युति के आधार पर धन योग की परिभाषा दी गई है जो आज आपके सामने प्रस्तुतु कर रहा हूँ |
चन्द्र मंगल एक साथ हो तो इसे श्रेष्ठ धन कहा गया है और यदि ये योग तीसरे भाव में हो तो ज्यादा शुभ और दान कल्याण बढ़ाने वाला माना गया है | इनके साथ यदि शनी भी मिले तो जातक को लालची बना देता है |
चन्द्र गुरु के योग को दबा हुआ धन कहा गया है जो फिर चल पड़े और हमेशा खुद के साथ साथ बड के पेड़ के समान दूसरों के भी काम आये |
चन्द्र शनी यदि गुरु के साथ या गुरु के घरों में तो उम्दा धन वरना काले मुह की माया जो पता नही कब छलांग मार कर चली जाय या मुह काला कराने वाली माया |
मंगल शुक्र का योग स्त्री धन जो ससुराल या स्त्री की तरफ से मिले और लाभ दें |
शनी गुरु फकीर या सन्यासी का धन ' ऐसी माया जो शादी के दिन से बढ़े |
मंगल गुरु श्रेष्ठ ग्रहस्थी धन जो मर्द के कुटुम्ब से सम्बन्धित |
मंगल शनी डाकू का धन यानी चोरी होने का भय बना रहे ऐसे योग वाले जातक के यहाँ |
मंगल सूर्य जागीरदारी का धन सरकार का धन यानी सरकार से आय |
गुरु शुक्र बुर के लाडू यानी दिखावे का धन | यानी अंदर से खोखले लेकिन लोगों को ऐसा लगता है की पता नहि की ऐसे इंसान के पास कितना धन होगा |
सूर्य गुरु सबसे उपर साही धन |
मित्रों इस प्रकार लाल किताब में इन ग्रहों की युति को इन धन के नाम से संबोदित किया गया है | 

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