Thursday, 22 October 2015

तुला लग्न और व्यवसाय

तुला लग्न और व्यवसाय
इस लग्न की जन्मपत्रिका में कार्य भाव का स्वामी चन्द्र, आय भाव का स्वामी सूर्य और धन भाव का स्वामी मंगल होता है।  ये तीनो ग्रह आपस में मित्र है किन्तु भाग्य भाव का स्वामी बुध और लग्न भाव का स्वामी शुक्र होता है जो की आपस में शत्रु होते है। अतः जातक खुद हमेशा इसी असमंजस में रहता है की जीवन यापन के निमित कौन सा व्यवसाय अपनाए। क्योंकि जो ग्रह धन और कार्यक्षमता देते है, उनमे जातक की रूचि नही होती और न ही भाग्य साथ देता है। इसके विपरीत जब जातक या जातिका अपनी रूचि के अनुसार कार्य करता है तो उसे पर्याप्त धन और यश नही मिलता। अतः जातक को चाहिये कि दशम भाव में जो ग्रह हो या जिस ग्रह की दृष्टि हो या दशमेश जिस ग्रह के साथ हो उसके अनुसार कार्य और व्यवसाय का चयन करना चाहिये। उपरोक्त तीनो ग्रहो में जो ग्रह सबसे शक्तिशाली हो उसके व्यवसाय से धन और यश मिल सकता है।आपकी जन्मपत्रिका के अनुसार लग्नेश और कार्येश दोनों ही चर राशि के स्वामी है अतः जातक कुछ घुमक्कड़ प्रकृति का होता है अर्थात वह एक जगह बैठकर कार्य या व्यवसाय नहीं कर सकता। इसलिए जातक को ऐसे व्यवसाय का चयन करना चाहिये जिसमे प्रवास अधिक हो।  जैसे कि : एजेंटशिप, आवागमन, कंडक्टरशिप, डीलरशिप, एजेंसी धारक, ट्रेवल एजेंसी, बस-जहाज-वायुयान की नौकरी, इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का व्यवसाय, डाक-तार कर्मी या इसी प्रकार के अन्य घूमने-फिरने वाले व्यवसाय से जातक को अच्छा लाभ, यश और ख्याति प्राप्त हो सकती है।  इसके अलावा यदि -
- सबसे पहले तो जातक का व्यवसाय ऐसा होता है जिसमे जल का प्रयोग लगभग अनिवार्य होता है। यथा होटल, भोजनालय, सब्जी या फलों का व्यवसाय, मछलियों या जलीय जीवो का व्यवसाय, मोटर पंप या सबमर्सिबल का कार्य, ट्यूबवेल सम्बन्धी उपकरण आदि का क्रय-विक्रय चन्द्र के केंद्र त्रिकोण में होने पर होता है।  
- दशम भाव या दशमेश पर शुक्र का प्रभाव हो तो जातक स्त्री से सम्बंधित व्यवसाय यथा कॉस्मेटिक का कार्य, गारमेंट्स का कार्य, स्पोर्ट्स का कार्य, टॉयज से सम्बंधित कार्य, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, पेंटिंग, मेवे आदि का कार्य करके उचित लाभ प्राप्त कर सकता है। 
- यदि दशम भाव या दशमेश पर मंगल का प्रभाव हो या मंगल तृतीय, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में हो तो जातक प्रशासनिक क्षेत्र में नौकरी करता है। किन्तु इस नौकरी में भी वह सदैव ट्रांसफर या स्थान परिवर्तन से परेशान रहता है। नौकरी में भी उसका कार्य प्रवासी ही रहता है।  इन कारणों से न तो उसे पर्याप्त धन संग्रह के अवसर मिलते है और न ही ख्याति। सूर्य व् गुरु भी यदि केंद्र त्रिकोण में हो तो जातक को कुछ मात्रा में नौकरी या व्यवसाय से शकुन बना रहता है। वैसे भी इस लग्न के जातक नौकरी कम ही पसंद करते है। 
- यदि गुरु केंद्र या त्रिकोण में हो तो जातक शिक्षा वृति करें तो उसे ख्याति तो मिलती है पर धनाभाव सदैव बना रहता है। 
- यदि राहु व् केतु केंद्र में हो तो 28-32 वर्षायु में ही जातक राजनीती में हस्तक्षेप करता है तथा धीमी गति से सफलताए प्राप्त करता है।      





























9 comments:

  1. आपने बिलकुल सही व्याख्यान दिया है,
    मेरा जन्म भी लग्न में हुआ है और मैं govn जॉब में हु फिर भी व्यवसाय चप्पल बनाने की फैक्ट्री चाहती हु क्या ये सही है?
    मेरा d.o.b. 24.7.87.......time12.01pm....place...allahabad hai...kripya marg darshan karen

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  2. Guru ji pranaam aapka faladesh bahut hi sateek hai...
    Main apna vyavasay slipper making business karna chahti hu kya ye theek hoga


    Mera d. O .b. 24.7.87 aur time..12.01pm...place.. Allahabad
    Kripya margdarshan karen

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    1. Government related businesses aap kar sakte ho.. bcoz 10th house me sun,moon,mars and venus he

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  3. Mera d. O. B. 28.07.90aur time 12:45 pm h naukri karu ya business

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  4. Birth place Jodhpur rajasthan h

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  5. D.o.b.20-7-1983
    Time 12:20 pm
    Place- Gorakhpur uttar Pradesh
    Viva kab hoga

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  6. DOB- 20july 1983
    Place- Gorakhpur uttar Pradesh
    Time- 12:20pm
    Vivah kab hoga

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  7. 3.4.1996
    Place-beawar
    Time-7.45.pm
    Job

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